How to write in Hindi without any IME

This text written in Devnagri (Hindi).. You will need Unicode support in your Operating system and browser to view it. So If all you get is boxes after this text, your system is Unicode non compliant.

Chatting in Hinglish has become a normal routine for Hindi speaking people.. And with advent of Unicode support in most operating systems and browsers, it has become easy to write in Hindi easily.. The recent versions of MSN Messenger and Yahoo Messenger support Unicode so now you can chat in Unicode with your friends easily ..

Earlier the only way to do this was either to install an IME on both ends and then communicate or write the text in a transcripter program such as Baraha and copy paste in your IM window .. Well … No more such troubles now .. Now you can directly write in your favorite program in Hindi .. and no fonts installation required .. (Well some installation is required though 😉 .. )

हिन्दी में लिखने के लिये आपको जिस software की जरुरत है वह है HindiWriter Keyboad Map. ईसे आप इसके डेवेलपर के वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते हें। इसको इन्स्टाल करना काफ़ी आसान है। ईस कमाल के सोफ़्टवेर को बनाया है देवेन्द्र पारख ने।

So, to use HindiWriter, you’ll need to install complex script support on your computer. On Windows XP, you can do so by going to Control Panel and opening Regional and Language options applet. On the Language tab, Enable the option of Install files for complex script and right to left languages. Click on Apply. You may need your XP Cd to complete the installation. Here is a screenshot :
Screenshot of XP Regional Options

For Windows 2000, Goto Control Panel and click on Regional Options. Click on General Tab. Enable ‘Indic’ Click on Apply. You may need your Windows 2000 cd for comleting the installation.

Now the tougher part is over. Just download HindiWriter and install it. Now to type in Hindi, just run the program and press Shift Pause. Hindi keyboard map will be activated and whatever you will type will be converted to Devnagri automatically. It’s a phonetic font so if you want to write श , you can do so by typing sh . So if you can type in Hinglish, you can type in Hindi too .. We are using it successfully with MS Word, Yahoo Messenger and MSN Messenger too .. And you can write in Hindi on Unicode compliant browsers such as Maxthon, Firefox or Opera too …

तो जनाव, इन्तेज़ार किस बात का है ? आज से हिन्दी में बात करना शुरु कर दिजिये !

[Update as on 28 May 2008] Seems like Devendra Parekh’s original website is no more. I’ve updated the download link to SoftPedia now.

115 thoughts on “How to write in Hindi without any IME”

  1. HEY U GUYS CAN SOME1 WRITE I LOVE U IN HINDI?… PRETTY PLEASE :] OH AND IF SOME I CAN WRITE MY NAME IN HINDI THAT WOULD BE NICE! THANKS :]

  2. @Sanjay Jaiswal@Ahsaan

    प्रिय संजय,

    जानकर अति‍ प्रसन्नता हुई कि आप हिन्दी भाषा में बेवसाईट का निर्माण करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं किन्तु अपको मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही है।
    मैं हिन्दी भाषा हमारी मातृभाषा को सदैव ही सम्मान देता हूँ और हमेशा वार्तालाप के लिए भी हिन्‍दी भाषा का ही प्रयोग करता हूँ । एक बहुदेशीय कम्पनी में जहां कि समस्त पत्र व्यवहार यहां तक कि कार्यालय में भी आंग्ल भाषा का प्रयोग किया जाता है और हिन्दी को हेय दृष्टि से देखा जाता है तो बहुत दुख होता है भारतीय ही भारत की भाषा का सम्मान नहीं करेंगे तो कोई और क्या करेगा।
    ————————————————————–
    ये तो बात हो गई भाषा की अब आपकी समस्या के विषय में कुछ लिख रहा हूँ ध्यान से पढि़येगा

    1990 के दशक की समाप्ति से पूर्व IT उद्योग भारत में अंग्रेज़ी भाषा के सॉफ़्टवेयर के उपयोग को ही पर्याप्त मानता था. लेकिन,आजकल इस उद्योग पर इस बात का दबाव है कि भारत की लिपियों और भाषाओं में सक्षम और लोकीकृत करने के लिए आवश्यक सॉफ़्टवेयर विकसित किए जाएँ. (यह भी ध्यान रखें कि यह बाज़ार भारत की सीमाओं के पार भी फैला हुआ है. जब भी ‘भारतीय बाज़ार’ का संदर्भ आए तो इसकी व्याप्ति वास्तव में इंडिक-लिपि/भाषा बाज़ार” के रूप में मानी जानी चाहिए.

    स्थानीय भारतीय भाषाओं में सॉफ़्टवेयर के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावित करने वाले कारक तत्व:

    हाल ही में भारत सरकार और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसी पहल की गई है, जिससे स्थानीय भाषा की सपोर्ट आवश्यक हो गई है.
    भारत की 95% जनसंख्या अंग्रेज़ी अच्छी तरह नहीं जानती.
    इंडिक लिपि का सॉफ़्टवेयर बाज़ार सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ता हुआ विश्‍वव्यापी बाज़ार है, जिसमें IT पर खर्च की अपार संभावनाएँ हैं.

    इंडिक लिपि का सॉफ़्टवेयर बाज़ार सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ता हुआ विश्‍वव्यापी बाज़ार है, जिसमें अपार संभावनाएँ हैं.यह सर्वविदित ही है कि अनेक IT कंपनियों के समान माइक्रोसॉफ़्ट भी अब इंडिक-लिपि बाज़ार के लिए सॉफ़्टवेयर बना रहा है.परंतु,कार्यान्वयन से जुड़े कई लोग अभी भी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि Windows 2000 और Windows XP दोनों ही कई इंडिक भाषाओं की सपोर्ट के साथ शिप किए जा रहे हैं. इन उत्पादों में ‘इंडिक सपोर्ट” का वास्तविक अर्थ क्या है ? इस विषय पर उद्योग में,खास तौर पर उन बाज़ारों में जहाँ इंडिक भाषाओं का व्यापक उपयोग किया जाता है, काफ़ी भ्रम का वातावरण बना हुआ है..

    सॉफ़्टवेयर विकास के दो प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं, जो विश्‍वव्यापी बाज़ार के लिए उत्पाद को तैयार करते हैं:

    संबंधित भाषा में विषयवस्तु के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी के निर्माण के लिए विकास की प्रक्रिया (पाठ संपादन, स्वरूपण, मुद्रण; दिनांक,समय,मुद्रा,कोलेशन और भाषिक केसिंग के लिए सांस्कृतिक दृष्टि से सही स्वरूपण).इसे आम तौर पर अंतर्राष्ट्रीयकरण या विश्‍वीकरण कहा जाता है.
    स्थानीय भाषा में यूज़र इंटरफ़ेस को अनूदित करने के लिए विकास की प्रक्रिया.यह लोकीकरण है.

    अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपने संयुक्‍त महत्व के बावजूद ये दोनों विकास-प्रक्रियाएँ बहुत स्पष्ट हैं.

  3. @Sanjay Jaiswal

    hi there,

    actually i have one letter in ms word 2007 in hindi language what i m searching is to copy that document to notepad so hat i can save it in *.txt format.

    now when i paste in notepad selecting “mangal font” spelling changes so can u tell me how to add other font in notepad.

    so plz help me if u know anything related to it.

  4. लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधान मंत्री थे| लाल बहादुर शास्त्री का जन्म २ अक्टूबर, सन १९०४ ई को हुआ था| वे सच्चे और स्वावलंबी थे| वे परिश्रमी, निडर और ईमानदार व्यक्ति थे| १० जनवरी, सन १९६६ को इस महा पुरुष का देहान्त हुआ| युगों तक न केवल भारत के लोग, बल्कि सारी दुनिया के लोग उन्हें सम्मान से याद करते रहेंगे| उन्होंने देश को एक नारा दिया था – “जय जवान जय किसान”, जो सदियों तक गूँजता रहेगा|

  5. @sangita
    Sangita, i would suggest aap Hindi writer download kar len. then press the tranliteration on button and type tulasii there you are तुलसी।
    enjoy!!!

  6. @ALMA
    Alma, here is I love you in Hindi through Hindi Writer…
    aaii lav yuu आई लव यू आलमा !
    Alma was written as aalmaa . there you are, enjoy. Thanks, Shahab for this amusing blog. Mr. Parikh needs hats off for such an amazing software!

  7. प्रिय संजय,
    जानकर अति‍ प्रसन्नता हुई कि आप हिन्दी भाषा में बेवसाईट का निर्माण करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं किन्तु अपको मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही है।
    मैं हिन्दी भाषा हमारी मातृभाषा को सदैव ही सम्मान देता हूँ और हमेशा वार्तालाप के लिए भी हिन्‍दी भाषा का ही प्रयोग करता हूँ । एक बहुदेशीय कम्पनी में जहां कि समस्त पत्र व्यवहार यहां तक कि कार्यालय में भी आंग्ल भाषा का प्रयोग किया जाता है और हिन्दी को हेय दृष्टि से देखा जाता है तो बहुत दुख होता है भारतीय ही भारत की भाषा का सम्मान नहीं करेंगे तो कोई और क्या करेगा।
    ————————————————————–
    ये तो बात हो गई भाषा की अब आपकी समस्या के विषय में कुछ लिख रहा हूँ ध्यान से पढि़येगा
    1990 के दशक की समाप्ति से पूर्व IT उद्योग भारत में अंग्रेज़ी भाषा के सॉफ़्टवेयर के उपयोग को ही पर्याप्त मानता था. लेकिन,आजकल इस उद्योग पर इस बात का दबाव है कि भारत की लिपियों और भाषाओं में सक्षम और लोकीकृत करने के लिए आवश्यक सॉफ़्टवेयर विकसित किए जाएँ. (यह भी ध्यान रखें कि यह बाज़ार भारत की सीमाओं के पार भी फैला हुआ है. जब भी ‘भारतीय बाज़ार’ का संदर्भ आए तो इसकी व्याप्ति वास्तव में इंडिक-लिपि/भाषा बाज़ार” के रूप में मानी जानी चाहिए.
    स्थानीय भारतीय भाषाओं में सॉफ़्टवेयर के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावित करने वाले कारक तत्व:
    हाल ही में भारत सरकार और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसी पहल की गई है, जिससे स्थानीय भाषा की सपोर्ट आवश्यक हो गई है.
    भारत की 95% जनसंख्या अंग्रेज़ी अच्छी तरह नहीं जानती.
    इंडिक लिपि का सॉफ़्टवेयर बाज़ार सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ता हुआ विश्‍वव्यापी बाज़ार है, जिसमें IT पर खर्च की अपार संभावनाएँ हैं.
    इंडिक लिपि का सॉफ़्टवेयर बाज़ार सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ता हुआ विश्‍वव्यापी बाज़ार है, जिसमें अपार संभावनाएँ हैं.यह सर्वविदित ही है कि अनेक IT कंपनियों के समान माइक्रोसॉफ़्ट भी अब इंडिक-लिपि बाज़ार के लिए सॉफ़्टवेयर बना रहा है.परंतु,कार्यान्वयन से जुड़े कई लोग अभी भी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि Windows 2000 और Windows XP दोनों ही कई इंडिक भाषाओं की सपोर्ट के साथ शिप किए जा रहे हैं. इन उत्पादों में ‘इंडिक सपोर्ट” का वास्तविक अर्थ क्या है ? इस विषय पर उद्योग में,खास तौर पर उन बाज़ारों में जहाँ इंडिक भाषाओं का व्यापक उपयोग किया जाता है, काफ़ी भ्रम का वातावरण बना हुआ है..
    सॉफ़्टवेयर विकास के दो प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं, जो विश्‍वव्यापी बाज़ार के लिए उत्पाद को तैयार करते हैं:
    संबंधित भाषा में विषयवस्तु के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी के निर्माण के लिए विकास की प्रक्रिया (पाठ संपादन, स्वरूपण, मुद्रण; दिनांक,समय,मुद्रा,कोलेशन और भाषिक केसिंग के लिए सांस्कृतिक दृष्टि से सही स्वरूपण).इसे आम तौर पर अंतर्राष्ट्रीयकरण या विश्‍वीकरण कहा जाता है.
    स्थानीय भाषा में यूज़र इंटरफ़ेस को अनूदित करने के लिए विकास की प्रक्रिया.यह लोकीकरण है.
    अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपने संयुक्‍त महत्व के बावजूद ये दोनों विकास-प्रक्रियाएँ बहुत स्पष्ट हैं.

  8. Hi i am vivek and i am creating a software in hindi language but when i write in textbox in Hindi but on code behind page when i get value of textbox it is not in Hindi .i am using “Kruti Dev 010” font for writing hindi in textbox in asp.net 2010

Comments are closed.